Haryana Abhitak News 14/07/25

एल. ए. स्कूल झज्जर में अब कोई नहीं होगा बैक बेंचर
झज्जर, 14 जुलाई, अभीतक:- एल. ए. स्कूल झज्जर में अब कोई नहीं होगा बैक बेंचर (पिछले डेक्स)। सभी बच्चे फर्स्ट लाइन में बैठकर प्राप्त करेंगे शिक्षा। स्कूल प्राचार्या निधि कादयान ने एक प्रयास कर झज्जर जिले का पहला स्कूल रहेगा जो बच्चोँ को एक साथ फर्स्ट लाइन में बैठाकर शिक्षा प्राप्त करवाएगा। स्कूल संचालक जगपाल गुलिया ने बताया की वह चाहते हैं की बच्चोँ के अंदर किसी प्रकार की हिचकिचाहट ना रहे। भूगोल प्राध्यापक मुकेश शर्मा ने बताया की आज के आधुनिक समय में बच्चोँ को समान शिक्षा प्रदान करवाने में कोई कमी ना रहे उसी के मद्देनजर रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

पंचायती गुरुद्वारा में मनोनीत पार्षद कमल गिरोत्रा का सम्मान करते समिति सदस्य

पंचायती गुरुद्वारें में कमल गिरोत्रा का हुआ अभिनंदन
कमल गिरोत्रा ने गुरुग्रन्थ साहिब का लिया आशीर्वाद
झज्जर, 14 जुलाई, अभीतक:- पंचायती गुरुद्वारा में आयोजित समारोह में नगर परिषद के मनोनीत पार्षद बने समाजसेवी कमल गिरोत्रा का अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में पंचायती गुरुद्वारा एवं बाबा नानक निष्काम सेवा समिति के सदस्यों ने कमल गिरोत्रा का फूल मालाओं से स्वागत किया। गुरुद्वारा पंहुचने पर मनोनीत पार्षद कमल गिरोत्रा ने शीश नवाकर गुरु ग्रन्थ साहिब का आशीर्वाद लिया और कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें जो महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है उसका वो निष्ठा से पालन करेंगे। गिरोत्रा ने पंचायती गुरुद्वारा एवं बाबा नामक निष्काम सेवा समिति के सदस्यों और नगरवासियों का स्नेह एवं सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया। कमल गिरोत्रा को पंचायती गुरुद्वारा एवं बाबा नानक निष्काम सेवा समिति के सदस्यों, पंजाबी समाज और अन्य समाज के लोगों ने बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में आमजन दे भागीदारी तो होगी गति तेज – सीएमओ डॉ जयमाला’
च्ब्च्छक्ज् टीम का औचक निरीक्षण: बहादुरगढ़ में 7 बीएएमएस क्लीनिकों की जांच
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओष् अभियान को मिल रहा है जमीन स्तर पर मजबूत समर्थन
झज्जर, 14 जुलाई, अभीतक:- जिले के बहादुरगढ़ क्षेत्र में आज पीसीपीएनडीटी टीम द्वारा कुल 7 ठ।डै क्लीनिकों का औचक निरीक्षण किया गया। यह कार्रवाई सरकार द्वारा चलाए जा रहे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत की गई। इसका उद्देश्य अवैध लिंग परीक्षण, गर्भपात किटों के दुरुपयोग और भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराइयों पर अंकुश लगाना है। निरीक्षण टीम ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी क्लीनिक में च्ब्च्छक्ज् एक्ट का उल्लंघन न हो रहा हो। क्लीनिक संचालकों को कड़े निर्देश दिए गए कि किसी भी अवैध गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण दल में शामिल रहे अधिकारी
1.डॉ. उरेंद्र सिंह, उप सिविल सर्जन (च्छक्ज्), झज्जर
2.डॉ. दीपक शर्मा, चिकित्सा अधिकारी, ब्भ् बहादुरगढ़
3.डॉ. अभिजीत त्रिपाठी, एएमओ, न्च्भ्ब् किला मोहल्ला
4.डॉ. हेमंत, एएमओ, न्च्भ्ब् राम नगर
5.श्री विनोद कुमार, एसए, कार्यालय सिविल सर्जन, झज्जर (लॉजिस्टिक सहयोग हेतु)
उप सिविल सर्जन डॉ. उरेंद्र सिंह ने बताया कि यह निरीक्षण जिला उपायुक्त श्री स्वप्निल रविंद्र पाटिल के मार्गदर्शन व सिविल सर्जन डॉ. जयमाला के निर्देश अनुसार किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि जनभागीदारी के बिना इस अभियान को गति नहीं मिल सकती, इसलिए आमजन भी इसमें सक्रिय सहयोग करें। निरीक्षण के दौरान पीसीपीएनडीटी टीम बहादुरगढ़ के एक बीएएमएस क्लीनिक में संचालिका से आवश्यक जानकारी प्राप्त करते हुए। टीम में उप सिविल सर्जन डॉ. उरेंद्र सिंह, डॉ. दीपक शर्मा, डॉ. अभिजीत त्रिपाठी, डॉ. हेमंत व श्री विनोद कुमार शामिल रहे।

लघु सचिवालय सभागार में सोमवार को अधिकारियों की बैठक में सीईटी परीक्षा की तैयारियों की समीक्षा करते डीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल।

सीईटी परीक्षा को लेकर प्रशासन सजग – डीसी
सीईटी परीक्षा के मद्देनजर उपायुक्त स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने ली अधिकारियों की बैठक
झज्जर, 14 जुलाई, अभीतक:- हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा प्रदेश के विभागों, बोर्डों, निगमों और विश्वविद्यालयों में ग्रुप सी के पदों को भरने के लिए जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में 26 व 27 जुलाई को प्रस्तावित सीईटी यानी कामन एलिजिबिलिटी टेस्ट का आयोजन कराया जाएगा। डीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने सोमवार को सीईटी की तैयारियों के मद्देनजर संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर डीसीपी लोगेश कुमार पी और एडीसी जगनिवास उपस्थित थे। उपायुक्त ने कहा कि सीईटी परीक्षा में झज्जर और बहादुरगढ़ में इस बार परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। संबंधित अधिकारी परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करते हुए सभी आवश्यक सुविधाएं व इंतजाम सुनिश्चित करें ताकि परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी न आए। यदि किसी विद्यालय, महाविद्यालय व विश्वविद्यालय, बहुतकनीकी संस्थान में किसी प्रकार की अड़चन है तो उसे अति शीघ्र दूर किया जाए। साथ ही कोई अन्य विद्यालय, महाविद्यालय व केंद्रीय संस्थान जहां सभी प्रकार की सुविधाएं हों व सही लोकेशन पर हो जहां परीक्षार्थियों को पहुंचने में किसी प्रकार की असुविधा न हो तो उसे भी परीक्षा केंद्र की सूची में शामिल किया जा सकता है।                                                                                                                                                                                                           झज्जर में सीईटी के लिए 39 केंद्र प्रस्तावित, 11 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी देंगे परीक्षा 
उपायुक्त ने कहा कि सीईटी परीक्षा के लिए झज्जर जिले में 39 परीक्षा केंद्र प्रस्तावित हैं, जिन पर लगभग 11 हजार 520 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। परीक्षा प्रातः कालीन व सायंकालीन दो सत्रों में आयोजित की जाएंगी। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि वह सभी परीक्षा केंद्रों का फिजिकल वेरिफिकेशन करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने संबंधित निर्देश दिए कि जिले में सीईटी परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू की जाए ताकि परीक्षा का आयोजन शांतिपूर्वक, पारदर्शी एवं निष्पक्ष तरीके से कराया जा सके।
इन विभागों के अधिकारी रहे मौजूद
इस मौके पर एसडीएम झज्जर आईएएस अंकित कुमार चैकसे, एसडीएम बहादुरगढ नसीब कुमार, एसडीएम बेरी रेणुका नांदल, एसडीएम बादली डा रमन गुप्ता, डीईओ राजेश कुमार, रोडवेज महाप्रबंधक संजीव तिहाल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

साथी अभियान के तहत आज(15 जुलाई को) लगेंगे आधार शिविर
डीएलएसए की पहल से बच्चों को मिलेगा पहचान का अधिकार
झज्जर, 14 जुलाई, अभीतक:- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बच्चों के आधार कार्ड बनवाने के लिए चलाए जा रहे विशेष साथी अभियान के अंतर्गत जिले के विभिन्न गांवों में आधार पंजीकरण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। यह अभियान डीएलएसए के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) विशाल के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है। सीजेएम विशाल ने बताया कि यह अभियान ऐसे बच्चों के लिए चलाया जा रहा है, जिनके अभी तक किसी कारणवश आधार कार्ड नहीं बन पाए हैं। अभियान के तहत आज पैरा लीगल वॉलंटियर (पीएलवी) और गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के सदस्य अलग-अलग गांवों में जाकर शिविर लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार 15 जुलाई को सुबह नौ बजे से जिले के गांव दूबलधन किरमाण,रेवाड़ीखेड़ा,कुंजैया, अहरी,आसौदा सिवान और बामनौली गांवों में कैंप लगेंगे। सीजेएम ने बताया कि अभियान का उद्देश्य जिले के सभी ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें आधार से जोड़ना है, ताकि वे शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।

लघु सचिवालय में आयोजित जिला टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी स्वप्लिन रविंद्र पाटिल

लिंगानुपात में सुधार के लिए मिशन मोड में कार्य करें विभाग – डीसी
जिला टास्क फोर्स की बैठक में डीसी ने दिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश
जून माह का लिंगानुपात सुधरकर हुआ 934
झज्जर, 14 जुलाई, अभीतक:- डीसी स्वप्लिन रविंद्र पाटिल ने जिला टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ अभियान समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। लिंगानुपात में सुधार के लिए सभी संबंधित विभाग आपसी तालमेल से मिशन मोड में कार्य करें। कार्यवाहक सीएमओ डॉ टीएस बागड़ी ने बैठक में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि केंद्रीय पंजीकरण सेवा पोर्टल पर दर्ज आकड़ों के अनुसार जिला झज्जर का लिंगानुपात जून माह में सुधरकर 934 पर पंहुच गया है जो पिछले दस वर्षों में बेहतर है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष में अभी तक विभाग द्वारा चार पीएनडीटी रेड की गई हैं, इनमें से तीन उत्तर प्रदेश में की है। दो एमटीपी रेड की गई और एक ऑनलाइन एमटीपी किट बेचने वाली फर्म पर केस दर्ज कराया गया है। डीसी ने कहा कि सहेली प्रोजेक्ट को पूरी गंभीरता के साथ प्रभावी ढंग से अमल में लाएं। गर्भवती महिलाओं की देखभाल व मार्गदर्शन के लिए एएनएम, आशा या आंगनवाड़ी वर्क र्स को सहेली का दायित्व दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल जिला में 2833 महिलाएं गर्भवती हैं। उन्होंने कहा कि सहेली का दायित्व निभा रही वर्कर्स को ठीक से प्रशिक्षित करें। अगर सहेली का दायित्व निभाने में लापरवाही मिलती है तो तत्काल कार्यवाही अमल में लाएं। डीसी ने कहा कि लिंगानुपात में सुधार एक सतत प्रक्रिया है। निरंतर जागरूकता अभियान चलाने और पूरी निगरानी के साथ कार्य करने की जरूरत है। कम लिंगानुपात वाले गांवों व शहरी क्षेत्रों को चिन्हित करें और विशेष फोकस करें। अपने स्रोत विकसित करते हुए पीएनडीटी और एमटीपी रेड बढ़ाएं। पुलिस बल या अन्य किसी सहायता की जरूरत पड़ने पर तत्काल प्रशासन की मदद लें। बैठक में कार्यवाह सीएमओ डॉ टीएस बागड़ी, एसीपी अनिरूद्घ चैहान सहित अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

डीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल समाधान शिविर में शिकायतें सुनते हुए।

 

समाधान शिविर पारदर्शी शासन व्यवस्था की अनूठी मिशाल – डीसी
लघु सचिवालय सभागार में आयोजित समाधान शिविर में डीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने सुनी जनसमस्याएं
झज्जर, 14 जुलाई, अभीतक:- लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में सोमवार को आयोजित समाधान शिविर में उपायुक्त स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने स्वयं नागरिकों की समस्याएं सुनी और संबंधित अधिकारियों को मौके पर ही समाधान के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि समाधान शिविर में आने वाली नागरिकों की शिकायतों का तत्परता के साथ समाधान करना ही जिला प्रशासन का मुख्य दायित्व है। डीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने कहा कि समाधान शिविरों का उद्देश्य आमजन की समस्याओं को सीधे सुनकर उनका शीघ्र निवारण करना है। यह प्रशासन को जनता के और करीब लाता है और पारदर्शी व उत्तरदायी शासन व्यवस्था की मिसाल पेश करता है। उन्होंने कहा कि हर शिकायत को पूरी गंभीरता से सुना जाता है और समाधान के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी तय कर निर्देश दिए जाते हैं। यह पहल नागरिकों के शासन व प्रशासन में विश्वास को मजबूत करती है। उपायुक्त ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्राप्त शिकायतों की निर्धारित समयसीमा में गुणवत्तापूर्वक निपटान सुनिश्चित करें और शिकायतकर्ता को समाधान की पूरी जानकारी दें। उन्होंने कहा कि समाधान शिविर केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही का एक मजबूत माध्यम है। सोमवार को आयोजित शिविर में बड़ी संख्या में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के नागरिक पहुंचे, जिन्होंने पानी, बिजली, पेंशन, राजस्व, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, सडक व सफाई व्यवस्था, जलभराव, अवैध अतिक्रमण से जुड़ी शिकायतें रखीं। सोमवार को गांव खुड्डन की महिलाएं पीने के पानी की समस्या, मंडी प्रधान हरेंद्र सिलाना मंडी की सफाई व्यवस्था, व्यापार मंडल झज्जर के अध्यक्ष राकेश भी शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर समाधान शिविर में पहुंचे। समाधान शिविर में दस शिकायतें दर्ज की गई है। डीसी ने शिविर में विभिन्न प्रकार की शिकायत लेकर आए नागरिकों की समस्याएं सुनते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को अविलंब समाधान के निर्देश दिए। इस मौके पर सीटीएम रविंद्र मलिक, एसीपी अनिरुद्ध चैहान, डीआरओ मनबीर सिंह, डीडीपीओ निशा तंवर, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी सुमित कुमार, एक्सईएन प्रतिभा मुदगिल, जिला समाज कल्याण अधिकारी वीरेंद्र यादव सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

 

निरीक्षक सतीश कुमार की पुलिस टीम ने विद्यार्थियों को नशे के दुष्परिणामों व यातायात के नियमों की जानकारी देकर किया जागरूक
बहादुरगढ़, 14 जुलाई, अभीतक:- पुलिस कमिश्नर डॉक्टर राजश्री सिंह के कुशल नेतृत्व में निरीक्षक सतीश कुमार ने विद्यार्थियों को जागरुक करते हुए कहा कि जीवन में किसी लक्ष्य को प्राप्त करना है तो हमें नशे से दूर रहना होगा। नशे से दूर रहेंगे तो जीवन में हर वह लक्ष्य पा सकते हैं जिसकी हम कल्पना करते हैं। नशा एक ऐसी चीज है जो हमारे सपनों को तो खत्म करता ही है साथ ही साथ हमें अंदर से खोखला भी बनाता है। आज का युवा अपने मकसद और अपने सपनों से सिर्फ इसलिए भटक रहा है क्योंकि वह नशे की गिरफ्त में जा रहा है। यह एक गंभीर समस्या है। युवाओं को नशे की गर्त से बचाने के लिए हरियाण पुलिस लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में झज्जर पुलिस द्वारा स्कूल, कॉलेज में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर विद्यार्थियों को नशे के खिलाफ जागरूक कर रही है। निरीक्षक सतीश कुमार ने सोमवार को जुपिटर सीनियर सेकेंडरी स्कूल रोहद और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय आसंडा के विद्यार्थियों को जागरुक करते हुए कहा कि नशा शरीर और मस्तिष्क पर बहुत गलत प्रभाव डालता है। नशा का आदी होना आसान है परंतु इसकी लत से छुटकारा पाना बेहद मुशिकल है। नशा व्यक्ति के शरीर के लिये तो हानिकारक है ही साथ में यह अपराध करने का मुख्य कारण भी बनता है। जो व्यक्ति नशा करने लग जाता है वह पैसे ना होने पर अपराधिक वारदातों को अंजाम देने शुरू कर देतें है। विद्यार्थी नशे से दूर रहकर पढ़ाई के साथ साथ खेलों में हिस्सा लेकर जीवन को सवारें। खेल हमे नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करते है। समाज के अन्य लोगों को भी नशे से दूर रहने बांरें प्रेरित करें। जिला व गांव को नशा मुक्त करने में पुलिस का सहयोग करें। निरीक्षक सतीश कुमार ने इस दौरान विद्यार्थियों को यातायात के नियमों के बारे में जागरूक किया, इस दौरान विद्यार्थियों ने यातायात के नियमों को लेकर निरीक्षक सतीश कुमार से कुछ सवाल पूछे, जिनका निरीक्षक सतीश कुमार द्वारा जवाब दिया गया। इस दौरान बच्चों का ड्राइंग कंपटीशन भी करवाया गया।


ज्यादा कांवड़ियों वाले जिला में 10 मार्ग चिह्नित, पीसीआर व राइडर्स लगाएगी लगातार गश्त’
कांवड़ियों के सेवा शिविर मुख्य सड़क से होना चाहिए कम से कम 50 फीट की निर्धारित दूरी पर’
शिविर में पहुंचने वाले प्रत्येक कांवड़िएं का रखा जाएगा रिकार्ड, बाई साइड में लगेंगे शिविर’
झज्जर, 14 जुलाई, अभीतक:- कांवड़ को लेकर चल रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं यात्रा को सुचारू एवं सुरक्षित सम्पन्न कराने के मद्देनजर पुलिस के स्तर पर तैयारियां की जा रही है। इसी क्रम में नीलकंठ, हरिद्वार से कांवड़ लेकर चले श्रद्धालु को झज्जर जिला में बिना किसी बाधा के रास्ता उपलब्ध कराने तथा यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। यात्रियों के आराम व सुविधा के लिए बनाए गए प्रत्येक सेवा शिविर का पुलिस द्वारा लगातार निगाह रखते हुए निरीक्षण भी किया जाएगा। पुलिस आयुक्त डॉ राजश्री सिंह ने जिला के सभी पुलिस अधिकारियों, थाना प्रबंधकों व चैकी प्रभारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसमें झज्जर जिला में जिन मार्गों पर कांवड़ लेकर श्रद्धालु गुजरेंगे उन सड़क मार्गों पर पुलिस द्वारा लगातार निगरानी एवं गश्त की जाएगी। प्रत्येक थाना प्रबंधक व चैकी प्रभारी अपने-2 इलाका में शांति एवं कानून व्यवस्था के साथ-साथ यातायात व्यवस्था को भी दुरुस्त बनाये रखने के लिए प्रत्येक गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखेंगे। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जहां भी जरूरत होगी कांवड़ियों को पैदल चलने के लिए सुरक्षित मार्ग उपलब्ध करवाने के लिए वैकल्पिक प्रबंध किए गए है। कांवड़ शिविर व पार्किंग मुख्य सड़क से दूर होने चाहिए, ताकि किसी प्रकार से यातायात में कोई अवरोध उत्पन्न ना हो। कांवड़ शिविर सड़क के केवल बाईं तरफ लगने चाहिए। कांवड़ियों की सुरक्षा को लेकर लगातार 24 घंटे पुलिस तैनात रहेगी ताकि कोई भी असामाजिक अथवा शरारती तत्व कांवड़ियों के वेष में किसी तरह से शांति भंग करने की कोशिश ना करें। यदि कोई मार्ग किसी भी कारण से अवरुद्ध हो जाता है तो कांवड़ियों के लिए वैकल्पिक मार्ग की भी व्यवस्था की जाए। पुलिस कमिश्नर ने बताया, सुरक्षा की दृष्टि से जिन मार्गों पर कांवड़ियो की ज्यादा संख्या में चलने की संभावना है उन मार्गों को चिन्हित करके विशेष निगरानी रखी जाएगी, जिला में ऐसे 10 मार्ग चिन्हित किए गए हैं।
– सांपला से रेवाड़ी रोड वाया छारा, जोन्धी, झज्जर, सुबाना से कोसली।
– झज्जर से रेवाड़ी वाया माछरौली, कुलाना।
– रोहतक से डीघल, बेरी, छूछकवास, सासरोली।
– रोहतक से झज्जर वाया डीघल, महराना चैक दुजाना।
– सोहटी बार्डर से बहादुरगढ़ वाया कानौन्दा, कुलासी।
– रोहतक से बेरी वाया रिटोली कबूलपुर।
– सांपला से बेरी वाया बहराना, डीघल
– झज्जर वाया दुल्हेड़ा, कबलाना।
– सोनीपत से केएमपी होते हुए जिला गुरुग्राम।
– बहादुरगढ़ से बादली वाया गुभाना माजरी आदि प्रमुख है।
कांवड़ शिविर में लगाने होंगे सीसीटीवी कैमरा रू व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस कमिश्नर ने निर्देश देते हुए कहा, जिन सड़क मार्गों से कांवड़ लेकर श्रद्धालु गुजरेंगे उन रास्तों पर पुलिस द्वारा निरंतर गश्त करते हुए प्रत्येक गतिविधि पर निगाह रखी जाए। पीसीआर व राइडर्स की गश्त लगातार 24 घंटे तैनात रहेगी। महिला कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा को मद्देनजर पर्याप्त संख्या में महिला पुलिस कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है। किसी भी कांवड़ यात्री को किसी भी तरह का नाजायज हथियार नहीं रखने दिया जाएगा। जिस मार्ग पर कांवड़ यात्री चल रहे होंगे, उस पर गति रोधक लगाकर वाहनों को धीमी गति से चलाया जाए। सड़क पर जहां भी कांवड़ियों के क्रोसिंग पाइंट हैं उन स्थानों को चिन्हित करके रस्से व कोण लगवाए जाए। कांवड़ सेवा शिविर में कहीं भी बिजली की कोई भी तार का जोड़ खुला या नंगा नहीं होना चाहिए। ताकि कोई दुर्घटना का कारण न बनें। किसी भी शिविर में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल न किया जाए। कांवड़ सेवा शिविर के लिए परमिशन लेना अत्यंत आवश्यक है। कांवड़ सेवा शिविर मुख्य सड़क से कम से कम 50 फीट की निर्धारित दूरी पर लगाया जाए। जहां तक हो सके शिविरों में सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था करवाई जाए। संचालकों द्वारा एक रजिस्टर रखा जाए। जिसमें शिविर में आने वाले प्रत्येक कांवड़ यात्री की जानकारी का इंद्राज किया जाए। शिविर व आसपास के एरिया में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। ट्रक यूनियन के प्रधानों, ट्रांसपोर्टरों के मालिकों, आटो, जीप व कैब चालकों से संपर्क करके यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी वाहन चालक कांवड़ यात्रा के दौरान नशा करके वाहन न चलाए। अपने वाहन को ठीक दिशा में व धीमी गति से चलाएं। वहीं यातायात पुलिस के जवानों द्वारा एल्कोसेंसर मीटर से वाहनों की लगातार चैकिंग भी की जाए। किसी भी तरह की विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए दंगा विरोधी उपकरणों व आवश्यक साजो सामान सहित पुलिस बल को रिजर्व रखा जाए। प्रत्येक थाना प्रबंधक अपने एरिया में लगे सभी कावड़ सेवा शिविर संचालकों से लगातार संपर्क रखेंगे।

आयुष्मान स्कीम के तहत आने वाले अस्पतालों में दुर्घटनाग्रस्त पीड़ित को मुक्त इलाज देने के संबंध में निरीक्षक सतीश कुमार ने डॉक्टर के साथ की मीटिंग
बहादुरगढ़, 14 जुलाई, अभीतक:- सोमवार को सीएमओ कार्यालय बहादुरगढ़ मे सड़क दुर्घटनाओं मे घायलों के हस्पताल मे आने पर पायलट योजना के तहत आयुष्मान स्कीम में आने वाले अस्पतालों में उनकी 1.5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज करने बारे जानकारी दी गई। जिस दौरान आयुष्मान स्कीम के तहत आने वाले अस्पतालों के कर्मचारियों ने भाग लिया। जिसमें निरीक्षक सतीश कुमार ने उनको जानकारी देते हुए बताया मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 162 के तहत मोटर वाहनों के उपयोग में होने वाली दुर्घटनाओं के पीड़ितों को उपचार प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू की गई है जिसके तहत प्रत्येक दुर्घटना ग्रस्त नागरिक आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत डेढ़ लाख रुपए तक कैशलेस इलाज का हकदार है। अगर आपके अस्पताल में कोई ऐसा घायल व्यक्ति आता है तो उसे उपचार प्रदान किया जाए।इस योजना को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के ई-डीएआर एप्लीकेशन और एनएचए के ट्रांजैक्शन मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस) की कार्यक्षमताओं को मिलाकर एक आईटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से लागू किया गया है। दुर्घटना में ग्रस्त पीड़ित के अस्पताल में आने पर पुलिस को उसकी जानकारी दी जाए ताकि पुलिस द्वारा उस पर अपनी कार्रवाई अमल मे लाई जा सके


हांगकांग में हुए खेल एशियाई शटलकॉक चैंपियनशिप में दो ब्रॉन्ज मेडल जीते
मेडल जीतने वाले खिलाड़ी का पुलिस कमिश्नर डॉक्टर राजश्री सिंह ने उत्सावर्धन करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की की कामना
बहादुरगढ़, 14 जुलाई, अभीतक:-एशियाई चैंपियनशिप शटलकाक की भारतीय टीम की इस उपलब्धि पर पूरे देश को गर्व होना चाहिएस 14 सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीतना वाकई में एक बड़ी बात है! सुदेश कुमार का प्रदर्शन भी बहुत अच्छा रहा, जिन्होंने डबल्स मेन और मेन्स टीम में ब्रॉन्ज मेडल जीते स एशियाई शटलकाक चैंपियनशिप जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करना और मेडल जीतना निश्चित रूप से देश के लिए गर्व की बात है स यह चैंपियनशिप 24 से 29 जून को मा ओन शान स्पोर्ट्स सेंटर स्टेडियम हॉन्ग कॉंग में आयोजित हुई थी स यह भारतीय खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा प्रेरणा स्रोत भी होगा। शटलकाक जैसे खेल में भारत के खिलाड़ियों का भविष्य उज्जवल होना वाकई में एक अच्छी खबर है। ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया से मान्यता प्राप्त होने से इस खेल को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। खिलाड़ी सुदेश कुमार ने सोमवार को पुलिस कमिश्नर डॉक्टर राजश्री सिंह से मुलाकात की स इस मौके पर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों से इसी तरह के बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी और देश को उन पर गर्व रहेगा। पुलिस कमिश्नर डॉक्टर राजश्री सिंह का यह संदेश वाकई में बहुत महत्वपूर्ण है स नशे और अपराध से युवाओं को दूर रखने के लिए इस तरह के प्रयास बहुत जरूरी हैं। उन्होंने कहा है कि युवा देश का भविष्य हैं और उनका सही दिशा में मार्गदर्शन करना हम सबकी जिम्मेदारी है। खेलों और पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन करके युवा न केवल अपने परिवार का नाम रोशन कर सकते हैं,बल्कि देश के लिए भी एक उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकते हैं स आशा है कि युवाओं तक यह संदेश पहुंचेगा और वे सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित होंगे।

बेरी स्थित लघु सचिवालय में सोमवार को समाधान शिविर में जनसमस्याएं सुनते हुए एसडीएम रेणुका नांदल।

जनसमस्याओ के त्वरित समाधान में समाधान शिविर अहम कड़ी – एसडीएम’
बेरी स्थित लघु सचिवालय में सोमवार को आयोजित उपमण्डल स्तरीय समाधान शिविर में एसडीएम रेणुका नांदल ने सुनी नागरिकों की समस्याएं’
बेरी, 14 जुलाई, अभीतक:- डीसी स्वप्निल रविन्द्र पाटिल के दिशा-निर्देशन में उपमंडल प्रशासन द्वारा नागरिकों की समस्याओं के त्वरित निपटारे के उद्देश्य से प्रत्येक सप्ताह के सोमवार व वीरवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक समाधान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को लघु सचिवालय में आयोजित शिविर में नागरिकों की विभिन्न विभागों से जुड़ी शिकायतों पर चर्चा की गई। शिविर में एसडीएम रेणुका नांदल ने नागरिकों की समस्याएं सुनीं और संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने समाधान शिविर में प्राप्त शिकायतों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रशासन का मुख्य उद्देश्य लोगों को समयबद्ध और प्रभावी समाधान प्रदान करना है। शिविर में नागरिक परिवार पहचान पत्र, बिजली निगम, राजस्व विभाग, पंचायती विभाग जलभराव आदि से संबंधित शिकायत लेकर नागरिक पहुंचे। एसडीएम ने शिविर में विभिन्न प्रकार की शिकायत लेकर आए नागरिकों की समस्याएं सुनते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को अविलंब समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह शिविर शासन की सुशासन नीति को सशक्त करने में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। एसडीएम रेणुका नांदल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी लंबित शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए, ताकि आमजन को बार-बार कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें।
इन विभागों के अधिकारी रहे मौजूद
इस अवसर पर पशुपालन विभाग के एसडीओ डॉ ऋषिपाल, जनस्वास्थ्य विभाग से एसडीओ वीरेंद्र सिंह, जेई पीडब्लूडी प्रवीण अहलावत, बिजली विभाग से कनिष्ठ अभियंता अनिल कुमार, बीएओ डॉ अशोक रोहिल्ला, एसईपीओ सत्यवान अहलावत,प्रवीण जेई,नपा से देवेन्द्र शर्मा सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

गांव दूबलधन स्थित सीएचसी में सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में चश्में प्रदान करती एसएमओ।

उज्ज्वल दृष्टि हरियाणा आंखों की देखभाल सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम पहल – डॉ शिल्पा
’दूबलधन स्थित सीएचसी में ष्उज्ज्वल दृष्टि हरियाणाष् अभियान के तहत लोगों को किए मुफ्त चश्में वितरित’
बेरी, 14 जुलाई, अभीतक:- प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू किए गए ‘उज्ज्वल दृष्टि हरियाणा’ अभियान के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दूबलधन में निःशुल्क कैंप का आयोजन किया गया। जिसमें लोगों को आंखों की देखभाल के लिए चश्मे वितरित किए गए। एसएमओ डॉ शिल्पा ने बताया कि अभियान श्उज्ज्वल दृष्टि हरियाणा’ का उद्देश्य लोगों को अंधत्व मुक्त बनाना है। राष्ट्रीय अंधत्व एवं दृष्टि दोष नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में दृष्टिदोष की पहचान कर उन्हें निरूशुल्क चश्मे वितरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोग अभियान के तहत लगने वाले कैंपों में अपनी आंखों को चेक कराएं ताकि बीमारी पता लगते ही इलाज शुरू किया जा सके। वहीं डॉ संदीप त्रिखा ने कहा कि नागरिकों को स्वस्थ एवं रोग मुक्त रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे है। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि बरसात का मौसम चल रहा है। इस मौसम में जल भराव के कारण बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ जाती हैं। बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सजग और सतर्क है। किसी भी प्रकार की बीमारी के लक्षण प्रतीत होने पर अपने स्वास्थ्य की जांच अवश्य कराएं और डॉक्टर की सलाह के बाद ही दवाई लें। इस अवसर पर डॉ दीपक, डॉ प्रमोद, डॉ संदीप, डॉ मनीषा, नवीन, सुमन, संजू, वर्षा, उज्ज्वल, सपना, आयुष विभाग से योगचार्य गीता व प्रदीप सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी मौजूद रहे।

मासिक ब्लॉक स्तरीय प्राथमिक एवं बीपीआईयू समीक्षा बैठक आयोजित की गई
झज्जऱ, 14 जुलाई, अभीतक:- सोमवार को ब्लॉक शिक्षा कार्यालय में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी श्री रोहताश दहिया की अध्यक्षता में मासिक ब्लॉक स्तरीय प्राथमिक एवं बीपीआईयू समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिसमें जिला प्राथमिक भ्रमण नोडल डॉ. जितेंद्र देशवाल (डायट माछरौली, झज्जर), संपर्क फाउंडेशन के नोडल अधिकारी श्री अमित कुमार, सभी बीआरपी और एबीआरसी उपस्थित रहे।
बैठक में निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा की गई
मार्च, अप्रैल और मई के सभी हितधारकों के भ्रमण अनुपालन की समीक्षा
जुलाई माह के 100ः भ्रमण लक्ष्य की पूर्ति सुनिश्चित करें ताकि जिला स्कोरबोर्ड में सुधार हो सके। आओ स्कूल चले कार्यक्रम के 12 स्कूलों में सभी कार्यों की प्रस्तुति पर चर्चा दीक्षा ऐप पर 2 ऑनलाइन कोर्सेज का संदेश सभी प्राथमिक शिक्षकों तक पहुँचाएं और 12 अगस्त तक सभी कोर्सेज का अनुपालन सुनिश्चित करें।
सभी हितधारकों द्वारा गुणात्मक भ्रमण सुनिश्चित करें और सभी विषयों पर समान रूप से ध्यान दें
सभी मेंटर्स सुनिश्चित करें कि सभी प्राथमिक विद्यालयों में पजल कॉर्नर बनाया जाए
नीव कार्यक्रम पर विस्तृत चर्चा
सभी मेंटर्स सुनिश्चित करें कि सभी प्राथमिक विद्यालयों में पजल कॉर्नर (हरबंस पजल – हर बंदा समझदार) बनाया जाए
भ्रमण के दौरान मेंटर्स को प्रशिक्षक पोर्टल पर आने वाली समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा


जिले के 31 नवपदोन्नत प्राचार्यों ने सिखा निपुण का पाठ
माछरौली में नव-प्रोन्नत प्रधानाचार्यों का 12 दिवसीय प्रशिक्षण – निपुण मिशन पर विशेष सत्र’
झज्जऱ, 14 जुलाई, अभीतक:- विद्यालय शिक्षा विभाग हरियाणा के निर्देशानुसार जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, माछरौली में नव-प्रोन्नत प्रधानाचार्यों के लिए 12 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नए प्रधानाचार्यों को उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराना और विद्यालय प्रबंधन में उनकी दक्षता को बढ़ाना है। प्रशिक्षण के सातवें दिन, जिला निपुण समन्वयक डॉ. सुदर्शन पुनिया द्वारा निपुण मिशन पर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया। डॉ. पुनिया ने निपुण मिशन के तहत चल रही सभी पहलों की विस्तृत जानकारी दी, जिसमें शिक्षक गाइड, वर्क बुक, अकादमिक प्लानर, कक्षा-वार निपुण लक्ष्य, मोनिटरिंग , मेंटरिंग तथा निपुण अभियान में प्रधानाचार्यों की भूमिका और जिम्मेदारियां शामिल हैं। उन्होंने प्रधानाचार्यों को सलाह दी कि वे इन पहलों को अपने विद्यालयों में प्रभावी ढंग से लागू करें, जिससे विद्यार्थियों का समग्र विकास संभव हो सके। जिला उप शिक्षा अधिकारी अनिल शर्मा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्हें प्रशिक्षण के दौरान उत्साहपूर्वक सीखने और बाद में विद्यालयों में इसे लागू करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, ष्यह प्रशिक्षण न केवल आपकी व्यक्तिगत क्षमता को मजबूत करेगा, बल्कि आपके विद्यालयों को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। प्रतिभागियों को उत्साह और समर्पण के साथ सीखना चाहिए ताकि हमारे शिक्षा तंत्र में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके। जिला शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार ने भी इस अवसर पर प्रधानाचार्यों से संवाद किया द्य उन्होंने जोर दिया कि विद्यालय की सभी क्षेत्रों में प्रगति मुख्य रूप से प्रधानाचार्य पर निर्भर करती है, क्योंकि प्रधानाचार्य विद्यालय का केंद्र बिंदु होता है। उन्होंने कहा, ष्आपको सदैव सतर्क, जागरूक और अपडेटेड रहना चाहिए। शिक्षा के बदलते परिदृश्य में नवीनतम जानकारियों से अवगत रहकर ही आप अपने विद्यालय को उत्कृष्ट बना सकते हैं। निपुण मिशन जैसे कार्यक्रमों को सफल बनाने में आपकी भूमिका अहम है। उनके संबोधन ने प्रधानाचार्यों को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराया और उन्हें बेहतर नेतृत्व के लिए प्रोत्साहित किया। प्राचार्य धर्मबीर सिंह ने भी सभी प्रतिभागियों को विद्यालय मुखिया की आर्थिक गतिविधियों में भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम समन्वयक सुनील कुमार ने सभी अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और आश्वासन दिया कि यह प्रशिक्षण सभी के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा, ष्इस प्रकार के प्रशिक्षण से प्रधानाचार्यों की क्षमताएं बढ़ेंगी और अंततः हमारे शिक्षा तंत्र में सुधार होगा।

आभार’
बचपन कविता माँ शारदे एवं आप सभी मीडिया-महारथियों द्वारा निरंतर मुझे दिया गया सकारात्मक-सृजनात्मक-सहयोगयुक्त उच्च-उत्साहमिश्रित आशीर्वाद का परिणाम है कि हरियाणा सरकार शिक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका शिक्षा सारथी के कवर पेज पर मेरी रचना को स्थान मिला है। इसीलिए यह आपसे साझा करते हुए सत्यता से इसका सारा श्रेय आप सभी मीडिया बंधुओं को साभार देना चाहता हूँ क्योंकि मेरी लेखनी को आप सभी ने सदैव संबल प्रदान किया है।
सादर, साभार व साशा!
सदैव शुभेच्छु
मनोज वशिष्ठ

हमारी खुशी और गम का जिम्मेदार हमारा ही मन – ब्रहृमप्रकाश भारद्वाज
रेवाडी, 14 जुलाई, अभीतक:- रविवार सायं द आर्ट ऑफ लिविंग – रेवाड़ी द्वारा अमनगनी रेजिडेंशियल सोसायटी, गढ़ी बोलनी रोड, रेवाड़ी में एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का विषय था “अपने आंतरिक सामर्थ्य और कमजोरियों को जानना। इस सत्र का संचालन आर्ट ऑफ लिविंग के वरिष्ठ प्रशिक्षक ब्रहृमप्रकाश भारद्वाज ने किया। इस कार्यशाला में अमनगनी सोसायटी के लगभग 20 निवासियों ने सक्रिय भागीदारी की। भारद्वाज ने आत्म-जागरूकता के महत्व पर बल देते हुए बताया कि जब हम अपनी आंतरिक कमजोरियों को पहचानते हैं, तो हमें उन्हें दूर करने की शक्ति भी प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क यदि सकारात्मक रूप से प्रशिक्षित हो, तो हमारा सबसे बड़ा मित्र बन जाता है, परंतु यदि इसे अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तो यह हमारा सबसे बड़ा शत्रु भी बन सकता है, जिससे हम छोटी-छोटी बातों में और लोगों से अनावश्यक रूप से प्रतिक्रिया करने लगते हैं। उन्होंने बताया कि नियमित प्राणायाम, ध्यान और सुदर्शन क्रिया के अभ्यास से हम अपनी आंतरिक शक्ति को बढ़ा सकते हैं और कमजोरियों से बाहर आ सकते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमें खुश या दुखी करने वाला हमारा स्वयं का मन ही है, और अंततः हम स्वयं ही अपनी भावनाओं और अनुभवों के उत्तरदायी होते हैं। सामान्य जीवन में हम अक्सर दूसरों या परिस्थितियों को दोष देते हैं, जबकि सच्चा सशक्तिकरण तब होता है जब हम अपनी पूरी जिम्मेदारी खुद लेते हैं। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने प्राणायाम और ध्यान का प्रत्यक्ष अनुभव किया, और सभी ने अपने मन में शांति, स्थिरता और सुकून की अनुभूति साझा की। इस सत्र में अन्य आर्ट ऑफ लिविंग प्रशिक्षक – प्रवीण कुमार, उर्मिला भारद्वाज, प्रमिला और दिव्या भारद्वाज ने भी भाग लेकर कार्यशाला को सफल बनाने में सहयोग किया। भारद्वाज ने अमनगनी सोसायटी के निदेशक श्री त्रिलोक शर्मा का इस कार्यशाला के आयोजन हेतु अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया, साथ ही अमांगनी सोसायटी के आयोजक सदस्यों का भी विशेष आभार प्रकट किया।

 

झज्जर में बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई के लिए बिजली अदालत आज
बिजली अदालत व उपभोक्ता कष्ट निवारण फोरम की बैठक भी होंगी आयोजित
झज्जऱ, 14 जुलाई, अभीतक:- उपभोक्ताओं की बिजली संबंधी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) द्वारा अधीक्षण अभियंता कार्यालय में आज (15 जुलाई मंगलवार को) बिजली अदालत व उपभोक्ता कष्ट निवारण फोरम की बैठक का आयोजन किया जाएगा। सुबह 11 बजे से एक बजे तक बिजली अदालत व 11 बजे से 2 बजे तक उपभोक्ता कष्ट निवारण फोरम का आयोजन होगा। यह अदालत फोरम के चेयरमैन एवं बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता ऑप्रेशन सर्कल झज्जर की अध्यक्षता में होगी। प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों को झज्जर कार्यालय में सुना जाएगा। इस दौरान बिजली बिल, कनेक्शन और अन्य तकनीकी समस्याओं से जुड़े परिवादों की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा 11 से 2 बजे तक उपभोक्ता कष्ट निवारण फोरम का आयोजन भी होगा। यदि कोई उपभोक्ता कार्यकारी अभियंता या एसडीओ की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं है, तो वह चेयरमैन और अधीक्षण अभियंता के समक्ष अपनी बात रख सकता है। प्रवक्ता ने कहा कि फोरम उपभोक्ताओं की समस्याओं का शीघ्र और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करता है।

संस्कारम स्कूल में ‘सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा’ अभियान के अंतर्गत विशेष ट्रैफिक नियम जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
झज्जऱ, 14 जुलाई, अभीतक:- संस्कारम स्कूल खातिवास द्वारा सड़क सुरक्षा पखवाड़ा के तहत राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा अभियान के दूसरे सप्ताह में एक विशेष ट्रैफिक नियम जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्कूल में छात्रों को सड़क सुरक्षा के महत्व को समझाने के लिए विभिन्न रचनात्मक प्रतियोगिताएं जैसे स्लोगन राइटिंग, पोस्टर मेकिंग रखी गयी जिनमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया और यातायात नियमों के पालन करने का संदेश दिया।। साथ ही सड़क नियमों का पालन करना, जीवन रक्षक उपकरण और बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा गतिविधियों का अभ्यास भी बच्चों को कराया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों व आमजन को सड़क पर यात्रा करते समय आवश्यक सावधानियां बरतने के बारे में जानकारी देकर एक जिम्मेदार यात्री बनने के लिए प्रेरित करना था। इस तरह के आयोजनों का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाकर यात्रियों के अमूल्य जीवन की रक्षा करना है। इस मौके पर संस्कारम ग्रुप ऑफ स्कूल्स के चेयरमैन डॉ महिपाल भी उपस्थित रहे। उन्होंने सभी विद्यार्थियों की प्रतिभाओ की सराहना की। उन्हें बताया कि ये नियम केवल कानूनी बाध्यता नहीं, बल्कि जीवन और परिवार की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने, रेड लाइट न जम्प करने और जेब्रा क्रॉसिंग का पालन करने जैसे नियमों को सरल शब्दों में समझाया।

रेवाड़ी में समाधान शिविर में आए नागरिकों की समस्याओं की सुनवाई करते हुए डीसी अभिषेक मीणा।

समाधान शिविर: डीसी ने समाधान शिविर में मौके पर ही बनवाई बुढ़ापा पेंशन
जरूरतमंद लोगों की शिकायतों का प्राथमिकता से किया जा रहा निदान – डीसी
समाधान शिविर में लोगों ने डीसी के समक्ष रखी शिकायतें, अधिकारियों को त्वरित समाधान करने के दिए निर्देश
रेवाड़ी, 14 जुलाई, अभीतक:- हरियाणा सरकार की ओर से चलाए जा रहे समाधान शिविर आमजन की शिकायतों का सशक्त माध्यम बन रहे है। सोमवार को लघु सचिवालय सभागार में आयोजित समाधान शिविर में डीसी अभिषेक मीणा ने समाधान शिविर में आए नागरिकों की समस्याओं पर सुनवाई करते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। डीसी अभिषेक मीणा ने रेवाड़ी में होली चाइल्ड स्कूल के पास गली नंबर एक में जलभराव व कंवाली गांव में पहाड़ से खेतों में आ रहे पानी की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खेतों में फसल खराब न हो इसके लिए पाइप लाइन बिछाने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। पीथड़ावास गांव में पीने के पानी की टूटी पाइप लाइन की शिकायत पर डीसी ने संबंधित अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर समस्या का समाधान करने व उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मॉडल टाऊन की ग्रीन बेल्ट व विजय नगर में अवैध कब्जे की शिकायत पर डीसी ने संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से अवैध कब्जा हटवाने के निर्देश दिए। समाधान शिविर में गोकलगढ़ से आए सुरेन्द्र सिंह की मौके पर ही बुढ़ापा पेंशन बनवाई गई। जिस पर सुरेन्द्र सिंह ने जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने समाधान शिविर में नागरिकों द्वारा परिवार पहचान पत्र में नाम दर्ज कराने, पेंशन संबंधी अड़चनों, अवैध कब्जों, बिजली, सोलर पैनल संबंधी शिकायतों, रास्तों के पक्कीकरण से जुड़ी समस्याओं तथा अन्य विभागों से जुड़ी अनेक समस्याओं का मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को निपटान करने के निर्देश दिए। डीसी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे समस्याओं का त्वरित समाधान करते हुए शिकायतकर्ता को समयबद्ध राहत दी जाए। डीसी ने कहा कि सरकार के आदेशानुसार प्रत्येक सोमवार व गुरुवार को समाधान शिविर के माध्यम से लोगों की शिकायतों को सुनकर उनका समाधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक ही छत के नीचे सभी विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में आम जनता के लिए प्रशासन द्वारा शिकायतों का समाधान कर राहत प्रदान की जा रही है। इससे न सिर्फ समय की बचत हो रही है, बल्कि लोगों का प्रशासन पर विश्वास और भी मजबूत हुआ है। डीसी ने कहा कि आमजन की शिकायतों के निवारण के लिए जिला मुख्यालय सहित बावल व कोसली उपमंडल स्तर पर प्रत्येक सोमवार व वीरवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक समाधान शिविर का आयोजन किया जाता है, जिसमें आमजन की समस्याओं को सुनकर समाधान किया जाता है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि समाधान शिविर जनता की सेवा और सुनवाई के लिए हैं, इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोग को इसका लाभ लेना चाहिए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक हेमेन्द्र मीणा, एडीसी राहुल मोदी, एसडीएम सुरेंद्र कुमार, सीटीएम प्रीति रावत, डीएसपी पवन कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।

रेवाड़ी में सीईटी की परीक्षा की तैयारियों के मद्देनजर अधिकारियों की बैठक लेते डीसी अभिषेक मीणा।

सीईटी परीक्षा नकल रहित, पारदर्शी एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन पूरी तरह सजग एवं सतर्क- डीसी
ग्रुप-सी की सीईटी परीक्षा के सफल संचालन हेतु डीसी ने अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
रेवाड़ी, 14 जुलाई, अभीतक:- डीसी अभिषेक मीणा ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ग्रुप-सी की सीईटी यानी कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट परीक्षाओं को नकल रहित, पारदर्शी एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन पूरी तरह सजग एवं सतर्क है। डीसी ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट-सीईटी की तैयारियों के मद्देनजर शिक्षा विभाग सहित सीईटी परीक्षा से संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। डीसी ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने उपमंडल के परीक्षा केन्द्रों की फिजिकल वेरिफिकेशन करें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को 26 व 27 जुलाई के लिए धर्मशालाओं को चिन्हित करें। उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाएं। उन्होंने कहा कि परीक्षार्थियों की सहायता के लिए हेल्प डेस्क भी स्थापित किए जाए। उन्होंने अधिकारियों को परीक्षार्थियों के लिए बैठने की सही बैंच, पानी, शौचालयों व साफ-सफाई व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। डीसी ने बताया कि जिला रेवाड़ी में बनाये गए परीक्षा केन्द्र पर परीक्षार्थी को किसी भी तरह से परेशान न हो इसके लिए व्यापक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। डीसी ने कहा कि नकल रहित परीक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार परीक्षा के संबंध में सभी प्रबंध करना सुनिश्चित करे। बैठक में एसपी हेमेन्द्र मीणा ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग व सरकार नकल रहित निष्पक्ष एवं पारदर्शी परीक्षाएं करवाने के लिए कृतसंकल्प हैं। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा सीईटी परीक्षा में किसी भी तरह की हेराफेरी और गड़बड़ी को रोकने के लिए विशेष प्रकार की तैयारियां की गई हैं। जिला पुलिस की ओर से पुख्ता सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित करते हुए अलर्ट मोड में कार्य किया जाएगा। बैठक में पुलिस अधीक्षक हेमेन्द्र मीणा, एडीसी राहुल मोदी, एसडीएम रेवाड़ी सुरेन्द्र सिंह, एसडीएम बावल उदय सिंह, एसडीएम कोसली विजय कुमार, सीटीएम प्रीति रावत, जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष चन्द, महाप्रबंधक हरियाणा राज्य परिवहन रेवाड़ी प्रदीप कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जन जागरूकता के लिए प्रदर्शनी का रेवाड़ी व कोसली में आयोजन
डीसी अभिषेक मीणा प्रदर्शनी का आज करेंगे उद्घाटन
संविधान हत्या दिवस पर जनजागरूकता के लिए तीन दिवसीय प्रदर्शनी का होगा आयोजन
रेवाड़ी, 14 जुलाई, अभीतक:- केंद्र सरकार द्वारा आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर लोकतंत्र के अंधकार युग के रूप में याद करते हुए आपातकाल के पीड़ितों को श्रद्धांजलि व सम्मान देने हेतु सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग हरियाणा द्वारा शहरी क्षेत्र में रेवाड़ी लघु सचिवालय परिसर, ग्रामीण क्षेत्र में कोसली उपमंडल सचिवालय में 15 जुलाई से तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी दिनेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार, 15 जुलाई को प्रातरू 11 बजे प्रदर्शनी का उद्घाटन रेवाड़ी लघु सचिवालय परिसर में डीसी अभिषेक मीणा द्वारा किया जाएगा। डीआईपीआरओ ने बताया कि आपातकाल (25 जून 1975) भारतीय लोकतंत्र के काले अध्याय के 50 वर्ष पूरे होने पर प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से 25 जून, 1975 को अपने राजनीतिक अस्तित्व और सत्ता को बचाने के उद्देश्य से तत्कालीन सरकार द्वारा सम्पूर्ण देश पर थोपा गया ‘आपातकाल’ भारतीय इतिहास का सबसे काला, वीभत्स और लोकतांत्रिक अध्याय है, जिसमें स्वतंत्र भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को गहरा आघात पहुंचाने के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 25 जून 2025 से 25 जून 2026 तक देशभर में तीन चरणों में विविध गतिविधियां आयोजित की जाएगी जिनके अंतर्गत अनेक कार्यक्रम करवाएं जाएंगे। ऐसे में रेवाड़ी जिला में यह प्रदर्शनी रेवाड़ी व कोसली में लगाई जा रही है। इस प्रदर्शनी में आपातकाल के दौरान यातना सहने वाले गणमान्य लोगों को भी आमंत्रित किया गया है।

हरियाणा सरकार ने अनाधिकृत ग्रामीण निर्माणों को नियमित करने हेतु नीति शुरू की
रेवाड़ी, 14 जुलाई, अभीतक:- ग्रामीण निवासियों को राहत प्रदान करने और नियोजित विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, हरियाणा सरकार ने गाँवों में अनाधिकृत निर्माणों के नियमितीकरण हेतु एक नीति शुरू की है। यह नीति हरियाणा ग्राम साझा भूमि (विनियमन) अधिनियम, 1961 की धारा 5्र में संशोधन के बाद लागू की गई है। आयुक्त एवं सचिव, विकास एवं पंचायत विभाग हरियाणा डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने नागरिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने धारा 5ए में संशोधन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अब ग्राम पंचायतों को राज्य सरकार की पूर्व स्वीकृति से गैर-कृषि योग्य शामलात देह भूमि को उन ग्रामीणों को बिक्री के माध्यम से हस्तांतरित करने का अधिकार देता है, जिन्होंने 31 मार्च, 2004 को या उससे पहले मकान बनाए हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा नियमितीकरण निर्मित क्षेत्रफल के 25 प्रतिशत तक के मकानों और संबंधित खुले स्थानों पर लागू होगा, जो कुल मिलाकर 500 वर्ग गज से अधिक नहीं होना चाहिए। भूमि यातायात या सार्वजनिक उपयोगिताओं में बाधा नहीं डालनी चाहिए, या तालाबों, जल निकायों या रास्तों व फिरनी के लिए आरक्षित नहीं होनी चाहिए। बिक्री बाजार दर से कम दर पर नहीं की जाएगी, जिसका निर्धारण एक निर्धारित तरीके से किया जाएगा और इस निर्धारण के नियमों को जल्द से जल्द अधिसूचित किया जाएगा। डॉ. अग्रवाल ने उन घटनाओं पर चिंता व्यक्त की जहाँ नए प्रावधानों के तहत भूमि खरीदने की निवासियों की इच्छा के बावजूद, बेदखली याचिकाओं का कड़ा विरोध किया जाता है या इन अनधिकृत निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए बलपूर्वक कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि इस तरह की कार्रवाई एक कल्याणकारी राज्य के व्यापक जनहित में नहीं है और सभी संबंधित अधिकारियों से इस प्रावधान का लाभ ग्रामीणों तक पहुँचाने के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह किया। डॉ. अग्रवाल ने सभी उपायुक्तों को ग्राम पंचायतों द्वारा ऐसे प्रस्तावों पर विचार करने के लिए निर्देशित किया है। इसके अलावा, जब तक बाजार मूल्य निर्धारित करने के नियमों को आधिकारिक रूप से अधिसूचित नहीं किया जाता, तब तक संबंधित अधिकारियों को हरियाणा ग्राम साझा भूमि (विनियमन) अधिनियम, 1961 की धारा 5ए(1ए) के संशोधित प्रावधानों के अंतर्गत आने वाले मकानों को ध्वस्त करने से बचने की सलाह दी गई है। इस उपाय का उद्देश्य संबंधित व्यक्तियों को नियमितीकरण प्रक्रिया से लाभान्वित होने का अवसर प्रदान करना है। हरियाणा सरकार एक अधिक संगठित और सुनियोजित शहरी परिदृश्य बनाने और राज्य भर में अनधिकृत निर्माणों में रहने वाले असंख्य परिवारों के स्वामित्व के सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

हरियाणा के नए राज्यपाल होंगे प्रो. आसिम कुमार घोष’
जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता को लद्दाख का उपराज्यपाल बनाया गया
गोवा के राज्यपाल होंगे पूर्व केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू


हरियाणा विजन 2047 दस्तावेज के लिए नागरिकों से सुझाव आमंत्रित
चंडीगढ़, 14 जुलाई, अभीतक:- स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान द्वारा हरियाणा के दीर्घकालिक विकास को ध्यान में रखते हुए हरियाणा विजन 2047 दस्तावेज तैयार किया जा रहा है। इस दस्तावेज के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आने वाले वर्षों में हरियाणा विकास और नवाचार के नए प्रतिमान स्थापित करे। सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि विजन दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया को अधिक सहभागी और व्यापक बनाने के लिए जन परामर्श सर्वेक्षण में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी हेतू राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा एक पोर्टल विकसित किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से नागरिक अपने विचार, सुझाव और अपेक्षाएँ सीधे सांझा कर सकते हैं, जो इस महत्त्वपूर्ण दस्तावेज का हिस्सा बनेंगी। प्रवक्ता ने बताया कि इस पोर्टल का लिंक एनआईसी द्वारा बीएएमएस, वित्त विभाग, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, सभी उपायुक्तों और हरियाणा राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की वेबसाइट पर सांझा किया जाएगा। अतः सभी नागरिकों से अनुरोध किया जाता है कि अपने मूल्यवान सुझाव इस जन परामर्श सर्वेक्षण में शामिल करने की कृपा करें।

हरियाणा में कर्मचारियों की शिकायतों का होगा जल्द समाधान
सभी विभागों में ‘कर्मचारी शिकायत निवारण समिति’ गठित करने के निर्देश
मुकद्दमों में आएगी उल्लेखनीय कमी
चंडीगढ़, 14 जुलाई, अभीतक:- हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों से जुड़े विवादों या शिकायतों के निपटान को गम्भीरता से लेते हुए, हर विभाग या संगठन में ‘कर्मचारी शिकायत निवारण समिति’ गठित करने के निर्देश दिए हैं। अब कर्मचारियों को अदालत में जाने से पहले विभागीय शिकायत निवारण समिति के माध्यम से समाधान करवाना अनिवार्य होगा। हर शिकायत का निपटारा अधिकतम आठ सप्ताह में करना आवश्यक होगा।
मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी द्वारा सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्डों व निगमों के प्रबंध निदेशकों तथा विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को जारी आदेशों में कहा गया है कि सभी विभाग व संगठन 15 दिनों के भीतर समिति के गठन की पुष्टि करते हुए अपनी रिपोर्ट प्रशासनिक न्याय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजें। ये निर्देश प्रशासनिक न्याय विभाग द्वारा जारी हरियाणा स्टेट लिटिगेशन पाॅलिसी, 2025 के प्रावधानों के अनुरूप जारी किए गए हैं। लिटिगेशन पॉलिसी के अनुसार, निर्णय प्रक्रिया में मनमानी और कर्मचारियों की शिकायतों या प्रतिवेदनों की अनदेखी सरकारी मुकदमों की बड़ी वजह बनती है। सेवा संबंधी मामलों में, अधिकतर मामले नियमों, निर्देशों और नीति निर्णयों के अनुसार राहत न मिलने से जुड़े होते हैं। अन्य मामलों में एक से अधिक नीतियां हो सकती हंै। न्यायालयों में आने वाले ऐसे अधिकतर मामलों में, अदालतें एक निश्चित समय-सीमा के भीतर स्पीकिंग ऑर्डर पारित करने के निर्देश देती हैं। मामला अदालत तक पहुंचने से पहले, सामान्य प्रशासनिक चैनल के माध्यम से अपनी शिकायतों को दूर करवाने के लिए आमतौर पर प्रभावित पक्ष काफी प्रयास करता है और इसमें काफी समय भी लग जाता है। इसके मद्देनजर सभी विभागों को प्रभावी शिकायत निवारण समितियाँ गठित करनी होंगी, जिससे काफी संख्या में अनावश्यक मुकदमेबाजी को रोका जा सकेगा। इस शिकायत निवारण प्रणाली की संरचना द्विस्तरीय होगी। पहली श्रेणी में विभागाध्यक्ष की अध्यक्षता में मुख्यालय स्तर पर समिति गठित की जाएगी। इसमें दो क्लास-प् अधिकारी होंगे, जिनमें से एक एसएएस काडर का और दूसरा मुख्यालय पर तैनात विधि अधिकारी होगा। दूसरी श्रेणी जिला स्तर पर होगी, जिसकी अध्यक्षता संबंधित उपायुक्त या सेवानिवृत्त जिलाध्अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश करेंगे। इस समिति में उपायुक्त द्वारा मनोनीत जिला स्तर पर मुख्य लेखाधिकारी, वरिष्ठ लेखाधिकारी या लेखाधिकारी तथा डिस्ट्रिक्ट अटार्नी, डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटार्नी या असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटार्नी भी शामिल होंगे। लिटिगेशन पॉलिसी में स्पष्ट किया गया है कि सम्बन्धित विभागाध्यक्ष तथा उपायुक्त द्वारा इन समितियों का गठन पॉलिसी जारी होने के 14 दिनों के भीतर अधिसूचित किया जाना अनिवार्य है। मुख्यालय स्तर पर संबंधित अतिरिक्त निदेशक या संयुक्त निदेशक तथा जिला स्तर पर सम्बन्धित विभाग के जिला प्रमुख इस समिति की सहायता करेंगे। इस समिति को शिकायत या प्रतिवेदन प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर सुनवाई की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। समिति कर्मचारी को व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत होकर अपना पक्ष रखने का अवसर देगी। मौखिक और लिखित प्रतिवेदनों के आधार पर 30 दिनों के भीतर अपनी अनुशंसा संबंधित उच्च अधिकारी को भेजेगी। उच्च अधिकारियों को अनुशंसा प्राप्त होने के एक माह के भीतर इस पर अंतिम निर्णय लेना होगा। विभाग स्तरीय शिकायत निवारण प्रकोष्ठ या समिति की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष करेंगे। यह समिति मासिक बैठक कर मुख्यालय और क्षेत्रीय स्तर पर विभाग में मौजूद शिकायत निवारण प्रणाली की प्रभावशीलता की समीक्षा करेगी। यदि निर्देशों या नियमों में सामान्य प्रशासन या वित्त विभाग के स्तर पर बदलाव की आवश्यकता है तो मामले को इस पाॅलिसी के तहत गठित राज्य स्तरीय अधिकार-प्राप्त समिति को भेजेगी। चूंकि अनुशासनात्मक कार्रवाई, वरिष्ठता और एसीपी से जुड़े मामलों में मुद्दमेबाजी ज्यादा होती है, इसलिए इनका शीघ्र निपटान किया जाना अनिवार्य है। साथ ही, वरिष्ठता सूची को निर्धारित प्रक्रिया के तहत नियमित रूप से अपडेट और मुद्रित या प्रकाशित किया जाना चाहिए। प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, हर विभाग को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के परामर्श से एक समर्पित साॅफ्वेयर प्लेटफार्म विकसित करना होगा। इसके माध्यम से कर्मचारी अपनी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे, अपनी शिकायत की स्थिति का पता लगा सकेंगे और निर्धारित समय-सीमा में जवाब प्राप्त कर सकेंगे। इससे शिकायतों के निपटान में न केवल पारदर्शिता आएगी बल्कि जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।

हरियाणा सरकार ने लगाए भविष्य विभाग के लिंक अधिकारी
चंडीगढ़, 14 जुलाई, अभीतक:- हरियाणा सरकार ने भविष्य विभाग के महानिदेशक ध् निदेशक की अनुपस्थिति में विभाग के कामकाज का सुचारू सचालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिंक अधिकारी लगाए हैं।
मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी एक पत्र के अनुसार विदेश सहयोग विभाग के महानिदेशक ध् निदेशक को लिंक अधिकारी-1 तथा नागरिक उड्डयन सलाहकार को लिंक अधिकारी-2 नियुक्त किया गया है।

हीमोफीलिया रोगियों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल
चंडीगढ़, 14 जुलाई, अभीतक:- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी से आज हीमोफीलिया रोगियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल उनके निवास स्थान पर मिला। इस प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश में फैक्टर-8 और फैक्टर-9 की लगातार कमी को लेकर मुख्यमंत्री को अवगत कराया तथा जीवन रक्षक इन दवाओं की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग रखी। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को इस वर्ष के बजट (2025-26) में हीमोफीलिया एवं थैलेसीमिया रोगियों के लिए घोषित सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना को शीघ्र लागू करने का भी निवेदन किया, ताकि रोगियों को आर्थिक सहारा मिल सके। प्रतिनिधिमंडल में कैथल से राकेश यादव, यमुनानगर से विष्णु गोयल, रोहतक से अजय शर्मा, फतेहाबाद (भुना) से जोगिंदर सेठी, तथा कुरुक्षेत्र से सुखबीर समेत अनेक लोग शामिल थे। मुख्यमंत्री श्री नायब सैनी ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के भीतर समस्याओं का समाधान किया जाएगा। उन्होंने इस विषय पर संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश देने की बात भी कही।

हरियाणा में कर्मचारियों की शिकायतों का होगा जल्द समाधान
सभी विभागों में ‘कर्मचारी शिकायत निवारण समिति’ गठित करने के निर्देश
मुकद्दमों में आएगी उल्लेखनीय कमी
चंडीगढ़, 14 जुलाई, अभीतक:- हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों से जुड़े विवादों या शिकायतों के निपटान को गम्भीरता से लेते हुए, हर विभाग या संगठन में ‘कर्मचारी शिकायत निवारण समिति’ गठित करने के निर्देश दिए हैं। अब कर्मचारियों को अदालत में जाने से पहले विभागीय शिकायत निवारण समिति के माध्यम से समाधान करवाना अनिवार्य होगा। हर शिकायत का निपटारा अधिकतम आठ सप्ताह में करना आवश्यक होगा। मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी द्वारा सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्डों व निगमों के प्रबंध निदेशकों तथा विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को जारी आदेशों में कहा गया है कि सभी विभाग व संगठन 15 दिनों के भीतर समिति के गठन की पुष्टि करते हुए अपनी रिपोर्ट प्रशासनिक न्याय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजें। ये निर्देश प्रशासनिक न्याय विभाग द्वारा जारी हरियाणा स्टेट लिटिगेशन पाॅलिसी, 2025 के प्रावधानों के अनुरूप जारी किए गए हैं। लिटिगेशन पॉलिसी के अनुसार, निर्णय प्रक्रिया में मनमानी और कर्मचारियों की शिकायतों या प्रतिवेदनों की अनदेखी सरकारी मुकदमों की बड़ी वजह बनती है। सेवा संबंधी मामलों में, अधिकतर मामले नियमों, निर्देशों और नीति निर्णयों के अनुसार राहत न मिलने से जुड़े होते हैं। अन्य मामलों में एक से अधिक नीतियां हो सकती हंै। न्यायालयों में आने वाले ऐसे अधिकतर मामलों में, अदालतें एक निश्चित समय-सीमा के भीतर स्पीकिंग ऑर्डर पारित करने के निर्देश देती हैं। मामला अदालत तक पहुंचने से पहले, सामान्य प्रशासनिक चैनल के माध्यम से अपनी शिकायतों को दूर करवाने के लिए आमतौर पर प्रभावित पक्ष काफी प्रयास करता है और इसमें काफी समय भी लग जाता है। इसके मद्देनजर सभी विभागों को प्रभावी शिकायत निवारण समितियाँ गठित करनी होंगी, जिससे काफी संख्या में अनावश्यक मुकदमेबाजी को रोका जा सकेगा। इस शिकायत निवारण प्रणाली की संरचना द्विस्तरीय होगी। पहली श्रेणी में विभागाध्यक्ष की अध्यक्षता में मुख्यालय स्तर पर समिति गठित की जाएगी। इसमें दो क्लास-प् अधिकारी होंगे, जिनमें से एक एसएएस काडर का और दूसरा मुख्यालय पर तैनात विधि अधिकारी होगा। दूसरी श्रेणी जिला स्तर पर होगी, जिसकी अध्यक्षता संबंधित उपायुक्त या सेवानिवृत्त जिलाध्अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश करेंगे। इस समिति में उपायुक्त द्वारा मनोनीत जिला स्तर पर मुख्य लेखाधिकारी, वरिष्ठ लेखाधिकारी या लेखाधिकारी तथा डिस्ट्रिक्ट अटार्नी, डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटार्नी या असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटार्नी भी शामिल होंगे। लिटिगेशन पॉलिसी में स्पष्ट किया गया है कि सम्बन्धित विभागाध्यक्ष तथा उपायुक्त द्वारा इन समितियों का गठन पॉलिसी जारी होने के 14 दिनों के भीतर अधिसूचित किया जाना अनिवार्य है। मुख्यालय स्तर पर संबंधित अतिरिक्त निदेशक या संयुक्त निदेशक तथा जिला स्तर पर सम्बन्धित विभाग के जिला प्रमुख इस समिति की सहायता करेंगे। इस समिति को शिकायत या प्रतिवेदन प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर सुनवाई की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। समिति कर्मचारी को व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत होकर अपना पक्ष रखने का अवसर देगी। मौखिक और लिखित प्रतिवेदनों के आधार पर 30 दिनों के भीतर अपनी अनुशंसा संबंधित उच्च अधिकारी को भेजेगी। उच्च अधिकारियों को अनुशंसा प्राप्त होने के एक माह के भीतर इस पर अंतिम निर्णय लेना होगा। विभाग स्तरीय शिकायत निवारण प्रकोष्ठ या समिति की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष करेंगे। यह समिति मासिक बैठक कर मुख्यालय और क्षेत्रीय स्तर पर विभाग में मौजूद शिकायत निवारण प्रणाली की प्रभावशीलता की समीक्षा करेगी। यदि निर्देशों या नियमों में सामान्य प्रशासन या वित्त विभाग के स्तर पर बदलाव की आवश्यकता है तो मामले को इस पाॅलिसी के तहत गठित राज्य स्तरीय अधिकार-प्राप्त समिति को भेजेगी। चूंकि अनुशासनात्मक कार्रवाई, वरिष्ठता और एसीपी से जुड़े मामलों में मुद्दमेबाजी ज्यादा होती है, इसलिए इनका शीघ्र निपटान किया जाना अनिवार्य है। साथ ही, वरिष्ठता सूची को निर्धारित प्रक्रिया के तहत नियमित रूप से अपडेट और मुद्रित या प्रकाशित किया जाना चाहिए। प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, हर विभाग को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के परामर्श से एक समर्पित साॅफ्वेयर प्लेटफार्म विकसित करना होगा। इसके माध्यम से कर्मचारी अपनी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे, अपनी शिकायत की स्थिति का पता लगा सकेंगे और निर्धारित समय-सीमा में जवाब प्राप्त कर सकेंगे। इससे शिकायतों के निपटान में न केवल पारदर्शिता आएगी बल्कि जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्वामी कल्याणदेव महाराज जी की 21वीं पुण्यतिथि पर किया नमन
मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में शुकदेव आश्रम में स्वामी कल्याणदेव महाराज जी की प्रतिमा का किया अनावरण
समाज और देश की प्रगति के लिए प्रत्येक व्यक्ति निरंतर सेवा भाव से करे कार्य – मुख्यमंत्री
चंडीगढ़, 14 जुलाई, अभीतक:- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में स्थित शुकदेव आश्रम में स्वामी कल्याणदेव महाराज जी की 21वीं पुण्यतिथि पर उनकी समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्वामी कल्याण देव जी महाराज की प्रतिमा का भी अनावरण किया। श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आज हम माँ गंगा के पावन तट पर स्थित महान महर्षि शुकदेव की धरती पर एकत्रित हुए हैं। भागवत पीठ श्री शुकदेव आश्रम विशेष स्थान है। यह आश्रम न केवल एक आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि शिक्षा, सेवा और संस्कृति का भी प्रतीक है। स्वामी जी की प्रतिमा नई पीढ़ियों को स्वामी जी के कार्यों, सिद्धांतों और आदर्शों की हमेशा याद दिलाती रहेगी। उन्होंने कहा कि स्वामी ओमानन्द जी महाराज इस आश्रम की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं और शुकदेव जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए समाज सेवा के कार्यों को सेवा भाव से कर रहे हैं। स्वामी जी के मार्गदर्शन में इस आश्रम का शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि इस धरती पर हजारों साल पहले महर्षि शुकदेव जी महाराज ने परीक्षित को भागवत कथा सुनाकर मोक्ष का मार्ग दिखाया था। इस महान तीर्थ के उद्धार में संत कल्याणदेव महाराज ने अपना पूरा जीवन लगाया था स स्वामी कल्याणदेव जी महाराज का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, लेकिन उनके विचार और कार्य असाधारण थे। उन्होंने कम उम्र में ही सांसारिक मोह माया का त्याग कर आध्यात्मिक पथ अपनाया। यह पावन भूमि इसी महान संत, शिक्षाविद और समाज सुधारक की तपोभूमि है। वे केवल एक संत नहीं थे, वे अपने आप में एक संस्था थे, जहां से मानवता और समाज सेवा की धारा निरंतर बहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी कल्याण देव जी ने अपने 129 सालों के लम्बे जीवनकाल में ज्ञान, शिक्षा और समाज सेवा को अपना धर्म बनाया। इस महान संत ने वर्ष 2004 में अपने नश्वर शरीर का त्याग किया स उन्होंने अनेक स्कूल, कॉलेज और गुरुकुलों की स्थापना की। उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ, छुआछूत, जातिगत भेदभाव और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई, भाईचारे और प्रेम का संदेश भी दिया। समाज की अतुलनीय एवं विशिष्ट सेवाओं के लिए भारत सरकार द्वारा स्वामी कल्याणदेव जी महाराज को वर्ष 1982 में पद्मश्री से तथा वर्ष 2000 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आश्रम में स्वामी कल्याण देव सेवा ट्रस्ट की स्थापना की गई है। यह ट्रस्ट विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से गरीबों, बीमारों और जरूरतमंदों की सहायता करता है। यह शिक्षा, चिकित्सा और सामाजिक उत्थान के क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि हम सभी स्वामी जी के सपनों का भारत बनाने का संकल्प लें। मुख्यमंत्री ने शुकदेव तीर्थ पर उड़िया की पुस्तक का विमोचन किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने शुकदेव तीर्थ पर हरियाणा भवन बनाने के लिए 11 लाख रुपये दान देने की घोषणा की। इस अवसर पर स्वामी ओमानन्द जी महाराज ने अपने शुभाशीष संबोधन में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के सरल स्वभाव और मानवीय दृष्टिकोण की सराहना की और कहा कि मुख्यमंत्री का शुकदेव आश्रम से बड़ा पुराना नाता है। उन्होंने भारत की समृद्ध संत परंपरा पर विचार व्यक्त किए और कहा कि संतों ने देश को आध्यात्मिक चेतना के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य समाज के उत्थान के कार्य को गति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह जी का जीवन नैतिक मूल्यों का प्रतीक है और वे निरंतर लोगों की सेवा में तत्पर रहते हैं। उन्होंने भगवान बुद्ध और स्वामी विवेकानंद जी के जीवन का उदाहरण देते हुए कहा कि उनका जीवन मानवता की सेवा में लगा है। हमें उनके जीवन को अपने जीवन का आदर्श मानकर अपनी जीवनचर्या चलानी चाहिए। इस अवसर पर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, शुकदेव आश्रम ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एम. एल. रंगा, राज्यसभा सांसद श्री रामचंद्र जांगड़ा, सहित आश्रम के ट्रस्ट के पदाधिकारी, विधायक मिथिलेश, नेतागण एवं देश के विभिन्न स्थानों से पधारे श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

 

केंद्र सरकार की रोजगार लिंक्ड प्रोत्साहन योजना से युवाओं को मिलेगा बड़ा लाभ – राव नरबीर सिंह
हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने किया योजना का स्वागत, श्रमिकों के लिए गुरुग्राम, आईएमटी सोहना और मानेसर में कैंटीन खोलने के दिए निर्देश
चंडीगढ़, 14 जुलाई, अभीतक:- हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में घोषित रोजगार लिंक्ड प्रोत्साहन स्कीम का स्वागत करते हुए कहा कि यह योजना राज्य के एमएसएमई, मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों में रोजगार पाने वाले नए कर्मचारियों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि यह योजना युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। राव नरबीर सिंह आज केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया द्वारा राज्यों के श्रम एवं रोजगार मंत्रियों के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भाग ले रहे थे। वे हरियाणा सिविल सचिवालय, चंडीगढ़ से इस वर्चुअल बैठक में जुड़े। उन्होंने बताया कि 1 जुलाई, 2025 को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा इस योजना को मंजूरी दी गई है। योजना का उद्देश्य रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना और पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रत्यक्ष लाभ देना है। इसके लिए प्रारंभिक चरण में 99,446 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और आने वाले दो वर्षों में देशभर में 3.5 करोड़ नए रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है। योजना आगामी 1 अगस्त, 2025 से 31 जुलाई, 2027 तक प्रभावी रहेगी। पहली बार रोजगार में आने वाले 15 हजार रुपये तक मासिक वेतन वाले कर्मचारियों को दो किस्तों में सरकार की ओर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। बशर्ते कि कर्मचारी कम से कम छह महीने नियोक्ता के पास रोल पर रहे। इसी प्रकार नियोक्ता को दस हजार रुपये तक की सैलरी पर एक हजार रुपये मासिक, दस हजार रुपये से अधिक व बीस हजार रुपये तक दो हजार रुपये मासिक तथा बीस हजार रुपये से अधिक व एक लाख रुपये तक की सैलरी पर तीन हजार रुपये तक मासिक सहायता दी जाएगी। मंत्री ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य कर्मचारियों के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों के नियोक्ताओं को भी सहयोग देना है, ताकि वे नए रोजगार सृजित करने के लिए प्रेरित हों। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए यह योजना तीसरे और चैथे वर्ष तक विस्तारित भी की जा सकती है। राव नरबीर सिंह ने राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गुरुग्राम, आईएमटी सोहना व मानेसर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए खाने की सुविधाओं और कैंटीनों की स्थापना के लिए कार्यवाही करें। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय उद्योग संगठनों के साथ बैठकें आयोजित की जाएं और उन्हें केंद्र सरकार की इस योजना की जानकारी दी जाए, ताकि वे अपने उद्योगों में इसका लाभ उठा सकें। इस अवसर पर श्रम आयुक्त डॉ. मनीराम शर्मा, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक श्री डी. के. बेहरा तथा रोजगार, श्रम एवं उद्योग विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

 

पर्यावरण संरक्षण वर्तमान समय का ज्वलंत मुद्दा एवं चिंतनीय विषय
पौधारोपण समस्या के समाधान का एकमात्र जरिया
एक पेड़ मां के नाम तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ धरा और समाज दोनों की जरूरतरू कैबिनेट मंत्री कृष्ण कुमार बेदी
चंडीगढ़, 14 जुलाई, अभीतक:- हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि धरा के संरक्षण के लिए पेड़ वरदान है। इसी प्रकार संतुलित एवं सभ्य समाज के निर्माण के लिए बेटियों का बराबर सम्मान होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इन महत्वपूर्ण विषयों के प्रति पूर्णतया गंभीर है और उन्होंने एक पेड़ मां के नाम अभियान की शुरूआत कर देश वासियों से पौधारोपण में सहभागिता की अपील की। इसी तरह बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ केंद्र सरकार की दूसरी बड़ी योजना है, जिसकी शुरूआत वर्ष 2015 में हरियाणा के पानीपत से प्रधानमंत्री श्री मोदी ने थी। इन दोनों अभियानों के प्रति जन-जन में चेतना आने वाले समय में संतुलित समाज एवं शुद्ध पर्यावरण की पौषक साबित होंगी। श्री बेदी आज जींद जिले के गांव ढाबी टेक सिंह में पौधारोपण अभियान के तहत पौधारोपण करने उपरांत लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने गांव के विभिन्न विकास कार्यों के लिए एक करोड़ 50 लाख रूपये अनुदान देने की भी घोषणा की। श्री बेदी ने कहा कि महिला सम्मान के लिए सरकार द्वारा निरंतर कार्यक्रम चलाए जा रहे है। इन कार्यक्रमों की सफलता के लिए महिलाओं में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच का होना अत्यंत जरूरी है। उन्होंने ग्राम पंचायत द्वारा रखी गई सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया और कहा कि विभागीय औपचारिकताएं एवं तकनीकी नॉर्म्स पूरा होने पर सभी कार्यों का निर्माण करवा दिया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने शहर में निजी संस्था द्वारा संचालित जिम का किया उद्घाटन
श्री बेदी ने नरवाना बस स्टैंड के नजदीक निजी संस्था द्वारा संचालित एक जिम का रिबन काटकर उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क वास करता है। आज के भौतिकवादी युग में जहां मानव जीवन में लगातार बीमारियां बढ़ रही हैं, ऐसे में इस तरह के जिम एवं शारीरिक कसरत ही युवाओं और नागरिकों को सशक्त एवं स्वस्थ बनाने में मददगार हो रहे हैं। सरकार का प्रयास रहा है कि प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। यह पहल न केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक अहम कदम है, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा और अनुशासन का संदेश भी देती है।

गन्नौर इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर मार्केट को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने की समीक्षा बैठक
निर्माण कार्यों में तेजी लाने और परियोजना को तय समयावधि में पूर्ण करने के दिए निर्देश
चंडीगढ़, 14 जुलाई, अभीतक:- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को जिला सोनीपत के गन्नौर स्थित श्इंडिया इंटरनेशनल फ्रूट एंड वेजिटेबल मार्केटश् (आई.आई.एच.एम.) का दौरा कर सभी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने मंडी प्रशासन, निर्माण कंपनी व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ इस महत्वाकांक्षी परियोजना की प्रगति की समीक्षा की और निर्माण कार्यों में तेजी लाने व परियोजना को तय समयावधि में पूर्ण करने के दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना न केवल हरियाणा के किसानों बल्कि देशभर के फल, सब्जी, फूल, मछली, पोल्ट्री व डेयरी उत्पादकों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच दिलाने का सशक्त माध्यम बनेगी। यह मार्केट राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर स्थित है और इसकी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों से बेहतर कनेक्टिविटी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 220 करोड़ रुपये की लागत से 544 एकड़ 2 कनाल भूमि अधिग्रहण कर इस परियोजना की शुरुआत की गई थी, जिसकी कुल लागत 2,595 करोड़ रुपये आंकी गई है। अब तक निर्माण कार्य का लगभग 45 प्रतिशत हिस्सा पूरा किया जा चुका है और 689 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि इस अंतरराष्ट्रीय मंडी में कुल 50 लाख वर्ग फीट का कवर एरिया होगा, जिसकी क्षमता 20 लाख टन प्रतिवर्ष होगी। इसम%E